हजारीबाग, 12 फरवरी। जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में एलओसी पर मंगलवार को आईईडी विस्फोट में झारखंड के हजारीबाग निवासी आर्मी कैप्टन करमजीत सिंह उर्फ पुनीत की शहादत से शहर में शोक की लहर है। कोई यकीन नहीं कर पा रहा कि आगामी 5 अप्रैल को जिस कैप्टन की धूमधाम के साथ शहर में बारात निकलने वाली थी, वहां उनकी अंतिम यात्रा की तैयारी चल रही है। उनका शव बुधवार शाम तक रांची आएगा। अंतिम यात्रा गुरुवार को निकलेगी।
28 वर्षीय करमजीत सिंह हजारीबाग शहर के जुलू पार्क मुहल्ले के रहने वाले थे। वह रेस्टोरेंट और टेंट हाउस के व्यवसायी अजनिंदर सिंह बख्शी और नीलू बख्शी के इकलौते पुत्र थे। अपनी शादी की तैयारियों के सिलसिले में वह हाल में हजारीबाग आए थे और 10 दिन पहले वापस ड्यूटी पर लौटे थे। उनकी शादी आर्मी में काम करने वाली एक मेडिकल ऑफिसर के साथ तय हुई थी।
करमजीत सिंह मंगलवार को एलओसी पर सेना की जिस टुकड़ी को लेकर वह गश्त कर रहे थे, वह आतंकियों द्वारा बिछाई गई आईईडी की चपेट में आ गई। करमजीत सिंह और टुकड़ी में शामिल एक कांस्टेबल इस विस्फोट में गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें सेना ने हॉस्पिटल में दाखिल कराया, जहां उन्होंने आखिरी सांस ली। करमजीत सिंह की शहादत की खबर के बाद उनके आवास पर पहुंचकर संवेदनाएं व्यक्त करने वालों को तांता लगा है।
झारखंड के राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने उनकी शहादत पर गहरा दुख व्यक्त किया है। राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है, “जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास हुए विस्फोट में हजारीबाग के वीर सपूत कैप्टन सरदार करमजीत सिंह बक्शी जी के वीरगति प्राप्त करने का समाचार अत्यंत दुखद है। राष्ट्र सेवा में उनका सर्वोच्च बलिदान सदैव स्मरणीय रहेगा। मैं वीर योद्धा को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।”
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि कैप्टन करमजीत सिंह बक्शी और सेना के एक और जवान के शहीद होने की खबर अत्यंत दुखद है। उन्होंने ईश्वर से दोनों शहीदों की आत्मा को शांति की प्रार्थना करते हुए शोकाकुल परिवारजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है।
झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, “जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में हुए एक आईईडी विस्फोट में सेना के जवान, हजारीबाग के बेटे कैप्टन करमजीत सिंह बक्शी के शहीद होने की सूचना से मन अत्यंत व्यथित है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें एवं शोक संतप्त परिजनों को यह अपार दुख सहन करने की शक्ति दें। कृतज्ञ राष्ट्र के रूप में हम सदैव करमजीत जी की शहादत के ऋणी रहेंगे।”